Sunday, March 21, 2010

किताब मेरी दोस्त, मेरी हमसफर

आधी सदी से अधिक का वक्त
मैंने बिताया किताबों के संग
किताब मेरी दोस्त,मेरी हमसफर,
किताबों के सहारे
मैंने देखे सपने
सपने बन गए मकसद
किताबों के सहारे बढ़ा हौंसला
मकसद पूरा करने का,
असफलता के वक्त
किताबों ने बढ़ायी मेरी हिम्मत
किताबें मेरी दोस्त, मेरी हमसफर,
अच्छी किताबें देवदूत बन मेरे लिए पैगाम
मेरे दिल को हौले से सहलाया,
इसलिए मैं अपने युवा साथयों से
कहता हूँ - किताबों से दोस्ती करो
ये हैं तुम्हारी अच्छी दोस्त, हमसफर
किताब मेरी दोस्त, मेरी हमसफर !
- डाॅ एपीजे अब्दुल कलाम

2 comments:

  1. bhai badiya hai blog. keep it up dear. hope to read more of your material in future as well

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  2. kavita achhi hai aur mere agraj ka ye prayas jisase aaj marg kho chuki is yuva peedhi ko nayi disha milne ki aasha hai......

    uttam prayas hai bhai.......

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